Thursday, July 19, 2012

माँ हिमालय की तरह उची है पर हिमालय की तरह कठोर नहीं ,माँ सागर की तरह गहरी है पर सागर की तरह खरी नहीं ,माँ वायु की तरह गतिशील है पर वायु की तरह अद्रश्य नहीं ,माँ परमेश्वर की तरह महाँन है पर परमेश्वर की तरह दुर्लभ नहीं ....... माँ की कोई उपमा माहि हो सकती ख्योकी माँ कभी उप... माँ नहीं होती ........माँ तो बस माँ होती है .

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