Thursday, July 19, 2012

माँ हिमालय की तरह उची है पर हिमालय की तरह कठोर नहीं ,माँ सागर की तरह गहरी है पर सागर की तरह खरी नहीं ,माँ वायु की तरह गतिशील है पर वायु की तरह अद्रश्य नहीं ,माँ परमेश्वर की तरह महाँन है पर परमेश्वर की तरह दुर्लभ नहीं ....... माँ की कोई उपमा माहि हो सकती ख्योकी माँ कभी उप... माँ नहीं होती ........माँ तो बस माँ होती है .

Sunday, April 1, 2012

समस्त मूर्खाधिपतियों को नमन............क्योंकि आज आपका दिन यानी 1 अप्रैल अर्थात "फूल्स डे" है........यही एक त्यौहार है पूरे साल में जो आपके लिए रखा गया है........और पूरी दुनिया में धूमधाम से न सिर्फ मनाया जाता है बल्कि बिरादरी का विस्तार भी किया जाता है......ताकि आपकी ढेंचू - ढेंचू प्रजाति फलती - फूलती रहे........आपके ...
यह दुर्लभ हास्य रचना मेरी नहीं है, बल्कि कहीं से मिली है. यह मुझे इतनी अच्छी लगी कि सोचा क्यों न इसे आप लोगों को भी दिखाऊँ...
कभी - कभी ही ऐसा होता है जब कोई ऐसा मिलता है जिसकी सोच हो अपने जैसी जिसकी बातें हों अपने जैसी जिसके आचार - विचार - संस्कार
We make a living by what we get, but we make a life by what we give.

Monday, March 5, 2012

इस चालाक दुनिया में
''माँ'' के लिए
सिर्फ एक दिन !
बाकी के
तीन सौ चौसठ दिन
माँ कहाँ है ??!!
दूसरों के वहां
झाड़ू-पोंछा-बर्तन
करती हुयी!,
बाप की बोतल के लिए
पैसा जुटाती हुयी !,
गोद में बच्चा
ओर
सर पर
तगारी उठाये हुए
दो वक़्त की रोटी का
जुगाड़ करती हुयी !,
पति से सताई हई......,
बेटों से तिरस्कृत.......,
बहुओं से डरी हुयी......,
शहर से दूर
किसी गाँव में
अपनी जिंदगी के दिन
अभावो,
तन्हाईयों,
में
अपने परिवार के लिए
दुआएं करती
काटती हुयी..''माँ''......!!!
"" ए माँ
इस चालाक दुनिया का
आज के दिन
तुझे सलाम ""-----
‎" AANSu Aur muskurahat ” Do ANMOL Khazaane hain.................. “AANSU” ko sirf ALLAH k saamne bahaao.... Aur “MUSKURAHAT” ko logon par Nichhawar kar do.........................