Wednesday, October 14, 2009

Tuesday, June 2, 2009


In life when you are in Trouble,
don't get Nrvous;
Just close your eyes & folow your heart ,
Because heart is in left but its always right.

Saharab sharir ko khatam karti hai,
Sharab samaj ko khatam karti h ,
Aao aaj is sharab ko khatam kartr h ,
Ek botal tum khatam karo ek hum khatam karte h

Morning greetings doesn't only mean saying Good Morning ,
It has a silent message saying : I remember you when I wake up!
Have a nice day!

Don't try to have friends ,
Who can achieve great height.
Have a friend who can hold you,
When you fall from the greatest height.

इक ओंकार सैट नाम करता पुरख,
निर्भ-अ-ओ निर्वैर अकाल मूरत ,
अजूनी सैब्भं गुर परसाद जप।
आड़ सच जुगाड़ सच।
है भी सच नानक होसी भी सच।
सोची सोच ना होव-अ-ई जे
सोची लाख वार.
छुपी चुप ना होव-अ-ई जे ला-इ रहा लिव तार।
भूखी-आ भूख ना उतरी जे बन्ना पुरी-आ भार।
सहस सी-आन्पा लाख होह टा इक ना चलाई नाल.






Tuesday, May 19, 2009


A worries are like rock chair which keeps on revolving but takes you no where .

जिसका मन होता है , 

उसे ही चोट भी लगती है !

जो वस्तु अपनी रक्षा के लिए [उपयोगी ] समझी जाती है,
भाग्यवश उसीसे व्यक्ति का नाश भी होता
है !!!

मनुष्य सुख और दुःख सहने के लिए बनाया गया है ,

किसी एक से मुहं मोड़ लेना कायर्ता है
\

पूर्ण मनुष्य वही है जो पूर्ण होने पर भी नम्र रहता है ,

 और सेवा में विमगना रहता हो  !!!

जो व्यक्ति मूर्खोंव के सामने विद्वान् लगने की कामना करते है,
वे विद्वानों के सामने मुर्ख लगते
है !!!

शेष ऋण, शेष अग्नि, तथा शेष रोग, पुन्हा पुन्हा बड़ते है,
अत इन्हे शेष नहीं छौडना चाहिए !!!

दुःख सुख के साथ ही निरंतर घूमता रहता है !

* *****भविष्य की चिंता हमें कायर बना देती है और भूत का भार हमारी कमर तोड़ देता है

Saturday, May 16, 2009

पर्रोपकर का आचरण मत लगाओ संसार षड्निक *है

आदमी तारों को पकड़ने के लिए हाथ फैलाता है ,
और
अपने ही क़दमों में खिले हुए फूलों को भूल जाता है !

जो भविष्य का भय नही करता है ;
वेही आनंद को उडा सकता है !!!
निर्वाण के आनंद से बढ़ कर दूसरा कोई आनंद नही है

संसार में दो ही व्यक्ति दुर्लभ है उपकारी और कृतघ्न * !

भक्त और ज्ञानी को सदा सुख प्राप्त होता है !

राजा जैसा आचरण करता है , प्रजा वैसा ही आचरण करने लगती है !

गूंगा कौन है ? जो समयानुकूल प्रिया वाणी बोलना नही जनता !

मृत्यु के लिए तयार रहो क्युकी म्रत्यु का मार्ग सांसारिक मार्गो से अधिक कठिन है !

एक बुराई दूसरी बुराई से उत्प्प्पन होती है !!!

वर्त्तमान ही सब कुछ * है ,
भविष की चिंता हमें कायर बना देती है ,
और
भूत * हमारी कमर तोड़ देती है ,
हिम्मतसे रहित व्यक्ति का रद्दी के कागज की तरह कोई आदर नही करता !

मनुष वह है जो दूसरों के लिए कष्ट सहे और आवश्यकता पड़ने पर अपने प्राण भी दे दे !

सुख की प्राप्ति आनंद नही है सुख और दुःख से परे ही जाना आनंद है !

संकट ही चरित्र का निखार और नीतिक *बल प्रदान करते है !
संकट ही चरित्र को निखार कर नैतिक बल प्रदान करते है ,
संसार में दो ही बातें भूलने योग है ,
आपके द्वारा दुसरे पर किया गया उपकार ,
और दूसरो द्वारा किया गया आपका उपकार !

आशा निराशा व्यापर में मेरे पहले छे साल बेहद निराशाजनक रहे ,
ऐसे कई मौके आये तब मैंने सोचा की व्यापर मेरे बस की बात नहीं है मुझे कहीं नौकरी कर लेनी चाहिए ,
फिर मैंने सोचा अगर ढंग की नौकरी ही करनी ही करनी अपनीही क्यों करू !

जब तक तुम्हे अपना सन्मान औरदुसरे का अपमान सुख देता है तब तक तुम अपमानित ही होते रहोगे !
इश्वेर * का भय ही बुधि * का अरम्ह * है !


अपने सुख के दिनों को इस्मरण * करने से बड़ा दुःख कोई नही है !

बरच अपने सिर पैर तेज धुप सहन करता है ,
और अपनी छाया से आश्रितों का संताप दूर करता है !

अगेर मनुस्श से पाप हो भी जाता है ,
उससे मुक्ति के लिय जरुरी है की उसे न दौहूरय * और न चिप्पाय *,
पाप का संचय ही दुखो का मूल है !!

जो आदमी छोटे कामो को इमानदारी से करता है ,
वही बड़े कामू को इमानदारी से कर कर सकता है !!!

बुधिमत विकल्पों को खोजने की चमता * है !

मान बदाई बड़ी मिधि चुरी है ,
विष भरा सोने का घडा * है !!!

दुर्घतानाये हमें सबक देती है की येहे जीवन च्दिक * है ,
इस्लेलय * हर पल को सम्पुद्ता से जीना चाहिए !!

दुःख को धेर्रय * से सहना चाहिए ,
उसके सामने घुटने नही टेकने चाहिय !
धुक * की तेरह सुख को भी सावधानी से बरतना चाहिए !!

विद्वान शत्रु भी श्रेष्ठ होता है ,
मुर्ख मित्र हितकारी नही !!!


बाबा धनु खन्ना

जो कायर है जिसमे पराक्रम का नाम नही है ,
वही देव का भरोसा करता है !!!


बाबा र के खन्ना

सज्जनों का धन तो धेर्य ही है !!!
बाबा पप्पू के khanna

Friday, May 15, 2009


जिसके पास बुधि* है ,
उसी को बल है ,
बुद्धिहीन मे बल कहा !!!

गरीबो की छाती पर दुनिया देहरी * हुई है ,
यह कठोर सत्य है !
हरेक आन्दोलन में गरीब लो़ग ही आगे बढते है ,
यह भी अमर सत्य है !!!

बहता पानी और रमते योगी ही शुद्ध रहते है !

समस्त वासनाओ से मुक्त व्यक्ति स्वेर्त्र * मुक्त रहता है !
देशभक्त * स्वेदश के लिय जीता है कुकी * उसे जीना ही चाहिय * ,
स्वेदश * के लिय ही मर जाता है कुअकी * देश की यही मांग होती है !!!!


प्रगेद * स्नेहे * की त्रुटी असहाय होती है !

अधरम से पराजित किया जाने वाला कोई भी पुरूष
अपनी उस पराजय के लिए दुखी नहीं होता!

महापुरुषों के क्रोध को शांत करने का उपाय
उनकी शरण में चलेजाना है .!