होली है !
मादकता उल्लास भी ।
रंग हैं सारे...
हास-परिहास भी ।
मिल जुल सब
ख़ुशी में, बह जाते ।
भिन्न भिन्न हैं रंग लगाते।
लाल रंग उल्लास का ...
हरा और पीला
हास परिहास का ।
नीला और गुलाबी
प्रेम सौहार्द का ।
होती है मादकता उल्लास भी ।
शोर भी ,धमाल भी ...
रंग सारे खिलते हैं ।
भेद भाव भूल के ।
होली है !
मादकता उल्लास भी ।।
Monday, March 5, 2012
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