Saturday, January 21, 2012


तुम्ही तो हो प्रिय मेरे जीवन के आधार स्तंभ,
हाँ तुम्ही हो जिसने दिया धड्कनो को स्पंदन,
तुम्ही हो मेरे इस जीवन के बिंदु आधार,
तुम्हारे ही प्यार में छिपा इस जीवन का सार,
आज देती हूँ शुभकामनाये जन्मदिन पर तुम्हारे,
तुम्हारे प्रेम के सागर में डूब के ही तो मिले किनारे,
जीवन पथ पर इसी तरह देना तुम मेरा साथ,
है परमेश्वर से दुआ यहीं छूटे कभी न हमारे हाथ,
जन्मदिन तुम्हारा हम कुछ ऐसे मनाये,
केक तुम काटो और मिल बांटकर हम खाए......

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